गांधी संग्रहालय, मोतिहारी
दिशामोहनदास करमचंद गॉधी चम्पारण में 15 अप्रैल 1917 को मोतिहारी नील कोठी वाले अंग्रेजो द्वारा किसान मजदूरों पर किये जा रहे अत्याचार को देखने समझने आये थे परन्तु तत्कालिन जिलाधिकारी ने उन्हें तुरन्त जिला छोड़ने का आदेश दिया। गॉधी जी ने अपनी आत्मा की आवाज पर सरकारी आदेश की अवहेलना की जो सत्याग्रह का भारत में पहला प्रयोग था और प्रशासन ने उनपर किया गया मुकदमा वापस ले लिया। तत्कालिन एसडीओ की अदालत में जाकर गॉधी जी ने अपना वचान दिया था और आदेश न मानने का कारण बताया था उसी स्थान पर सत्याग्रह स्मारक स्तंभ का निर्माण किया गया है इस 48 फीट लम्बे स्मारक स्तंभ की आधार शिला 10 जून 1972 को तत्कालिन राज्यपाल देवकानत वरूआ ने रखी थी और गॉधीवादी विधाकर कवि ने 18अप्रैल 1978 को इसे देश को समर्पित किया। इस स्मारक स्तंभ का डिजायन प्रसिद्ध वास्तुविद नंदलाल वोस ने किया था। ये सत्यग्रह स्मारक स्तंभ देश में स्वत्रंता आंदोलन की पहली जीत का स्मरण दिलाता है। वर्तमान में इस परिसर में एक गॉधी संग्रहालय का भी निर्माण कराया गया है।
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें :
बाय एयर
पटना हवाई अड्डा, लोक नायक जयप्रकाश हवाई अड्डा (मोतिहारी से 3 घंटे की ड्राइव), शहीद पीर अली खान मार्ग, शेखपुरा के पास, पटना -800014
ट्रेन द्वारा
बापूधाम मोतीहारी रेलवे स्टेशन: 500 मी लगभग
सड़क के द्वारा
छातौनी बस स्टॉप, एनएच 28 ए, भवानीपुरजिरात, मोतिहारी: 2 किमी लगभग