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सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह

प्रकाशित तिथि : 03/04/2018

पटना : पत्र सूचना कार्यालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार

सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह

02.04.2018
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और गरिमा को बेहतर बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एक सफल अभियान है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को इस अभियान की शुरुआत की। स्वच्छ भारत मिशन विश्व में स्वच्छता के क्षेत्र में किया गया सबसे बड़ा व्यवहार परिवर्तन का अभियान है। इस अभियान का उद्देश्य, महात्‍मा गांधी की 150वीं जयन्ती पर उनको श्रद्धांजलि के रूप में 2 अक्टूबर , 2019 तक एक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) और स्वच्छ भारत का निर्माण करना है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता क्रांति की एक लहर सी उमड़ रही है। जहाँ अक्टूबर 2014 में खुले में शौच जाने वालों की संख्या 55 करोड़ थी, वहीं मार्च 2018 तक यह संख्या घटकर 25 करोड़ रह गई है। विभिन्न स्वतंत्र सर्वेक्षणों द्वारा यह साबित हुआ है कि इस अभियान से ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति एवं स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आया है।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत अप्रैल 2018 तक, 6.7 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है, 3.44 लाख गांवों, 360 ज़िलों और 14 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। स्वतंत्र सर्वेक्षण एजेंसी द्वारा 2017-2018 में 6136 गांवों एवं 92040 घरों में किये गए एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, 77% घरों में शौचालय की सुविधा होना एवं 93.4% घरों में शौचालय का उपयोग पाया गया है। प्रगति प्रतिदिन तीव्र हो रही है और यह मिशन 2 अक्टूबर, 2019 तक ओडीएफ भारत की प्राप्ति के मार्ग पर अग्रसर है।

स्वच्छाग्रहीः इस पहल के महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक हिस्सा स्वच्छ भारत मिशन के स्वच्छाग्रही हैं जो ग्रामीण स्तर पर स्‍वच्‍छता को सामुदायिक रूप से कार्यान्‍वित करते हैं। स्वच्छ भारत अभियान के ये स्वच्छाग्रही खुले में शौच मुक्त राष्ट्र बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
इन स्वच्छाग्राहियों को, मौजूदा व्यवस्थाओं जैसेः- पंचायती राज संस्थाओं, सहकारिताओं, आशा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला समूहों, समुदाय आधारित संगठनों, स्वयं सहायता समूहों आदि के ज़रिये जोड़ा गया है। ये स्वच्छाग्रही ग्राम पंचायतों में काम कर रहे हैं और विशिष्ट रूप से स्वच्छता के लिए स्वेच्छा से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आज ज़मीनी स्‍तर पर 4.2 लाख स्वच्छाग्रही पंजीकृत हैं। इस मिशन का लक्ष्य प्रत्येक गांव में एक स्वच्छाग्रही अर्थात् कम से कम 6.5 लाख स्वच्छाग्रहियों की फौज खड़ी करना है।

चलो चम्‍पारण

महात्‍मा गांधी ने एक शताब्‍दी पहले 10 अप्रैल, 1917 को बुनियादी शिक्षा, कौशल विकास, महिला सशक्‍तीकरण और सफाई सहित बिहार में लोगों की स्‍थिति में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाते हुए चंपारण सत्‍याग्रह आरंभ किया। 10 अप्रैल, 2018 को चम्‍पारण सत्‍याग्रह का शताब्‍दी समारोह समाप्‍त हो रहा है जिसके उपलक्ष्य में स्वच्छ भारत मिशन द्वारा ‘सत्‍याग्रह से स्‍वच्‍छाग्रह’ अभियान चलाया जाएगा।
बिहार सरकार के समन्‍वय से पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय 3 से 10 अप्रैल तक ‘सत्‍याग्रह से स्‍वच्‍छाग्रह’ अभियान के ज़रिये देश भर में इस स्‍वच्‍छता संदेश के प्रसार के लिए काम कर रहा है। देश के विभिन्‍न भागों से 10,000 से अधिक स्‍वच्‍छाग्रहियों को बिहार में आमंत्रित किया गया है जहाँ वे राज्‍य के 38 ज़िलों में स्वच्छता के लिए व्‍यवहार परिवर्तन को प्रेरित करने और आगे जन आंदोलन की गति तीव्र करने के लिए बिहार के 10,000 स्‍वच्‍छाग्रहियों के साथ मिलकर काम करेंगे।
इस सप्‍ताह का समापन बड़े पैमाने पर एक विशेष कार्यक्रम द्वारा होगा जहाँ प्रधानमंत्री 10 अप्रैल, 2018 को चंपारण ज़िले में 20,000 स्‍वच्‍छाग्रहियों को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार उन स्‍वच्‍छाग्रहियों को पुरस्‍कृत भी करेगी जिन्‍होंने अपने गांवों में स्वच्छता की ओर उत्‍कृष्‍ट कार्य-निष्‍पादन किया है।
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