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निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण

भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के आधार पर संसदीय निर्वाचनों के साथ-साथ राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के विधानसभा निर्वाचनों का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का कार्य भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई ) में निहित है, इसलिए आयोग के लिए यह सुनिश्चित करना बाध्यकारी और अनिवार्य हो जाता है कि प्रत्येक निर्वाचन स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से संचालित किया जाए । आयोग का प्रयास रहा है कि उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों सहित सभी हितधारकों के लिए एकसमान अवसर दिए जाने के सिद्धान्त को ना बिगारा जाए और निर्वाचन प्रक्रिया को धन शक्ति के दुरुपयोग सहित किसी भी साधन से दूषित नहीं हुआ दिया जाए।

ऐसे लोगों से, जो निर्वाचकों को धता बताने पर आमादा थे, उत्पन्न बढतें खतरें को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने समग्र निर्वाचन प्रबंधन में उभरती चुनौतियों का प्रतिउत्तर देना का कृत संकल्प लिया और इस तरह, 2010 में आयोजित बिहार विधान सभा के निर्वाचनों के साथ शुरू करके निर्वाचन व्यय के लिए सहूलियत देने और इसका अनुवीक्षण करने के लिए एक सुव्यवस्थित तंत्र अपनाया। धन और बाहुबल के खतरे पर अंकुश लगाते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित किया कि आम जनता को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। वस्तुतः, यह सुनिश्चित करने के लिए हर प्रकार के प्रयास किए जाते हैं कि मतदाताओं को रिश्वत देने वाले और निर्वाचन प्रक्रिया को दूषित करने वाले अन्य भ्रष्ट आचरणों का मुकाबला करने में आयोग के तंत्र की मदद करने में एक हितधारक बनने के प्रति जमीन पर मौजूद आम आदमी को संवेदनशील बनाया जाए।

प्रत्याशियों द्वारा दायर दिन-प्रतिदिन व्यय का विवरण
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