केसरिया बौद्ध स्तूप
दिशापूर्वी चम्पारण जिला की भौगोलिक, ऐतिहासिक एवं पुरानत्विक विरासत युगों से रही है। परन्तु 1998 में पुरातत्व अन्वेषण विभाग द्वारा केसरिया में उत्खनन के बाद दुनिया का सबसे ऊँचा बौद्ध स्तूप मिलने के बाद बिहार ने अपने अतीत का गौरव फिर से प्राप्त कर लिया।
केसरिया बौद्ध स्तूप की ऊँचाई आज भी 104 फीट है जबकि इंडोनेसिया स्थित विश्व प्रसिद्ध बोरोबदुर (जावा) बौ़द्ध स्तूप की ऊँचाई 103 फीट है। ये दोनों स्तूप छह तल्ले वाला है जिसके प्रत्येक दिवाक खण्ड में बुौद्ध की मूर्तिया स्थापित है। स्तूप में लगी ईटे मौर्य कालिन है। सभी मूर्तियां विभिन्न मुद्राओं में है। 1861-62 में इस स्तूप के सम्बन्ध में जनील कर्निंधम ने लिखा हैं कि केसरिया का यक स्तूप 200 ई0 से 700 ई0 के मध्य कभी बना होगा। चीनी यात्री फाहियान के अनुसार केसेरिया के देउरा स्थल पर भगवान बुद्ध अपने महापरिनिर्वाण के ठीक पहले वैशाली से कुशीनगर जाने वक्त एक रात का विश्राम किया था तथा साथ आये वैशाली के भिझुकों को अपना भिक्षा पात्र प्रदान कर कुशीनगर के लिए प्रस्थान किया। आज केसरिया बौद्ध स्पूत देखने विदेशों से हजारो हजार पर्यटक एवं बौद्ध भिक्षुक रोज आते है।
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें :
बाय एयर
150 किलोमीटर की दूरी पर पटना हवाई अड्डे निकटतम हवाई अड्डा है जो कि भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
ट्रेन द्वारा
चकिया निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो भारत के सभी प्रमुख शहरों और स्थानों से जुड़ा हुआ है।
सड़क के द्वारा
केसरिया भारत के सभी स्थानों से अच्छी सड़कों से जुड़ा हुआ है। केसरिया से कुछ स्थानों की दूरी चकिया से 22 किमी दूर, मुजफ्फरपुर से 75 किलोमीटर, वैशाली से 55 किमी, सोनपुर से 80 किलोमीटर दूर, पटना से 110 किमी दूर